Monday, April 15, 2024

رضااکیڈمی نے لنگر رسول ﷺ کے موقع پر مفتی عطاء المصطفیٰ اعظمی کے وصال پر دکھ کا اظہار کیا* *مفتی عطاء المصطفیٰ اعظمی جماعت اہلسنت والجماعت کے ایک ممتاز عالم دین تھے۔الحاج محمد سعید نوری*

رضااکیڈمی نے لنگر رسول ﷺ کے موقع پر مفتی عطاء المصطفیٰ اعظمی کے وصال پر دکھ کا اظہار کیا* 
 *مفتی عطاء المصطفیٰ اعظمی جماعت اہلسنت والجماعت کے ایک ممتاز عالم دین تھے۔الحاج محمد سعید نوری* 
ممبئی۔پریس ریلز۔مینارہ مسجد ممبئی میں پندرہ سو سالہ جشن عید میلاد النبی ﷺ کی مناسبت سے رضااکیڈمی کی طرف سے لنگر رسول ﷺ تقسیم کیا گیا اس موقع پر 
نبیرۂ صدرُ الشریعہ و شہزادۂ مُحَدِّثِ کبیر حضرت مولانا مفتی محمد عطاء المصطفٰی اعظمی علیہ الرحمہ کے لئے ایصال ثواب کیا گیا واضح رہے کہ حضرت مفتی عطاء المصطفیٰ اعظمی کا دوران سفر طائف شریف کے قریب  وصال ہوگیا۔
اناللہ وانا الیہ رٰجعون۔
 رضااکیڈمی کے سربراہ محافظ ناموس رسالت اسیر مفتئ اعظم الحاج محمد سعید نوری نے اپنے مختصر بیان میں کہا کہ مفتی عطاء المصطفیٰ صاحب بڑے خلیق و ملنسار قسم کے انسان تھے ان کے وصال سے جماعت اہلسنت کا بہت بڑا خسارہ ہوا ہے اللہ کریم حضرت کی مغفرت فرمائے اور ان کے پسماندگان و جملہ مریدین و معتقدین کو صبرجمیل عطافرمائے۔آمین۔

فقط محمد عارف رضوی سیکریٹری رضااکیڈمی ممبئی

Friday, March 8, 2024

ایمازون کی شرانگیزی انڈر ویئر پر کلمۂ طیبہ لکھ کر دنیا بھر کے مسلمانوں کو پہونچائی اذیترضااکیڈمی نے مہاراشٹر ودھان سبھا کے اسمبلی اسپیکر سے کی شکایت

ممبئی۔پریس ریلیز۔ایمازون کی شرانگیزی انڈر ویئر پر کلمۂ طیبہ لکھ کر دنیا بھر کے مسلمانوں کو پہونچائی اذیت اسی سلسلے میں رضااکیڈمی کے سربراہ محافظ ناموس رسالت اسیر مفتئ اعظم الحاج محمد سعید نوری نائب صدر آل انڈیا سنی جمیعۃ العلماء کے ساتھ علماء کا ایک ڈلیگیشن پہونچا مہاراشٹر اسمبلی اسپیکر راہول نارویکر کے پاس کی ایمازون کی شرانگیزی کی شکایت علمائے اہلسنت نے جناب راہول نارویکر صاحب کے سامنے اپنے غم وغصہ اظہار کرتے ہوئے کہا کہ ایمازون کمپنی پر سخت کارروائی کی جائے کارروائی نہ کرنے کی صورت میں علمائے اہلسنت نے سخت احتجاج کرنے کی بات بھی کی جس پر فورا ایکشن لیتے ہوئے جناب راہول نارویکر صاحب نے کہا کہ ایمازون کی ایسی گھناؤنی حرکت پر ہم بھی دکھی ہیں ہم بہت جلد اس پر سخت ایکشن لیں گے علمائے اہلسنت کا راہول نارویکر صاحب نے شکریہ ادا کرتے ہوئے کہا کہ ہم کے شکر گزار ہیں کہ آپ لوگوں نے ہمیں اس سلسے میں آگاہ کیا یہ بہت ہی غلیظ حرکت ہے اس سے صرف مذہب اسلام کے ماننے والوں کو ہی نہیں بلکہ ہر امن پسند شہری کو تکلیف پہنچتی ہے علمائے اہلسنت کو تسلی دیتے ہوئے انہوں نے کہا کہ آپ بےفکر رہیں ایسی کمپنیوں پر ہم سخت نظر رکھیں گے جو اس طرح کی غلیظ حرکتیں کرتی ہیں انہوں نے مزید کہا کہ یہ ایک سماج کا مسئلہ نہیں بلکہ ہندوستان کے امن وامان کا مسئلہ ہے ہم کسی کو بھی ملک کے امن وامان کو بگاڑنے کا موقع نہیں دیں گے

Saturday, March 2, 2024

नफरती बातों के बीच कैसे बढ़े सौहार्द्र-राम पुनियानी


 

भारत पर पिछले 10 सालों से हिन्दू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज कर रही है. भाजपा आरएसएस परिवार की सदस्य है और आरएसएस का लक्ष्य है हिन्दू राष्ट्र का निर्माण. आरएसएस से जुड़ी सैंकड़ों संस्थाएँ हैं. उसके लाखोंबल्कि शायदकरोड़ों स्वयंसेवक हैं. इसके अलावा कई हजार वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं जिन्हें प्रचारक कहा जाता है. भाजपा के सत्ता में आने के बाद से आरएसएस दुगनी गति से हिन्दू राष्ट्र के निर्माण के अपने एजेण्डे को पूरा करने में जुट गया है. यदि भाजपा को चुनावों में लगातार सफलता हासिल हो रही है तो उसका कारण है देश में साम्प्रदायिकता और साम्प्रदायिक मुद्दों का बढ़ता बोलबाला. इनमें से कुछ हैं राम मंदिरगौमांस और गोवध एवं लव जिहाद. जो हिंसा हो रही है उसके पीछे अल्पसंख्यकों के खिलाफ दुष्प्रचार है. लोगों को यह सिखाया-बताया जा रहा है कि वे अल्पसंख्यकों से नफरत करें. इस नफरत को फैलाने के लिए एक अत्यंत कुशल और विशाल मशीनरी खड़ी कर दी गई है. इसमें शामिल है आरएसएस की शाखाएँसंघ द्वारा संचालित स्कूलसंघ के विभिन्न प्रकाशन, गोदी मीडियासोशल मीडियाभाजपा का आईटी सेल आदि. नफरत फैलाने वाले भाषण देना हमारे कानून के अंतर्गत एक अपराध है मगर फिर भी भाजपा के केन्द्र और कई राज्यों में सत्ता में होने के कारण नफरत फैलाने वाले पूरी तरह बेखौफ हैं. उन्हें पता है कि सरकार और पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ेगी.

वाशिंगटन डीसी स्थित एक समूह भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भाषणों-लेखन आदि के जरिये नफरत फैलाने की घटनाओं का दस्तावेजीकरण करता है. इंडिया हेट लेब नामक इस संगठन की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि सन् 2023 के पहले 6 महीनों में इस तरह की 255 घटनाएँ हुईं. अगले 6 महीनों में इनकी संख्या 413 हो गई अर्थात् इनमें 62 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई. इनमें से 75 प्रतिशत घटनाएँ भाजपा-शासित प्रदेशों और दिल्ली में हुईं. जैसा कि हम जानते हैं कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था भारत सरकार के हाथों में है. इनमें से 239 मामलों (36 प्रतिशत) में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का सीधे आह्वान किया गया. करीब 63 प्रतिशत मामलोंजिनकी कुल संख्या 420 थीमें यह कहा गया कि मुसलमान एक षड़यंत्र के तहत हिन्दू महिलाओं से विवाह कर रहे हैंजमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं. करीब 25 प्रतिशत (169) मामलों में लोगों का आह्वान किया गया कि वे मुसलमानों के आराधना स्थलों पर हमले करें.

इन सब भाषणों और वक्तव्यों का क्या असर हुआ यह हम सब जानते ही हैं. इसके अतिरिक्त भाजपा-शासित प्रदेशों में बुलडोजरों का इस्तेमाल हो रहा है. ये बुलडोजर मुख्यतः मुसलमानों के घरों और दुकानों को ढहा रहे हैं. कुछ मामलों में मस्जिदों को भी ढहाया गया है. समय-समय पर यह आह्वान किया जाता है कि सड़कों और ठेलों से सामान बेचने वाले मुसलमानों और मुस्लिम दुकानदारों का बहिष्कार किया जाये. प्रशासनिक मशीनरी अकसर एकतरफा कार्यवाही करती है. इन सबका नतीजा यह हुआ है कि मुसलमानों में असुरक्षा का भाव बढ़ रहा है और वे अपने मोहल्लों में सिमट रहे हैं. देश में ऐसे मोहल्लों की संख्या कम होती जा रही है जहाँ हिन्दू और मुसलमान एक-दूसरे के पड़ौसी हों. नफरत की दीवारें और ऊँचीऔर मजबूत होती जा रही हैं. नफरत फैलाने वाली बातें सबसे ऊपर से शुरू होती हैं. प्रधानमंत्रीजिन्हें पिछले कुछ समय से विष्णु का अवतार बताया जा रहा हैतक इस तरह की बातें करते हैं. वे कहते हैं कि ‘‘उन लोगों को उनके कपड़ों से पहचाना जा सकता है.’’ वे शमशान-कब्रिस्तान की बात करते हैं और पिंक रेव्युलेशन की भी. उनके नीचे के लोग और खराब भाषा का इस्तेमाल करते हैं और फिर आती हैं धर्म संसदें जिनमें यति नरसिंहानंद जैसे धर्म गुरू सीधे मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की बात करते हैं.

यहाँ तक कि संसद में भाजपा सांसद रमेश बिदूड़ी ने अपने साथी सांसद दानिश अली के बारे में अत्यंत निंदनीय और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. उन्होंने दानिश अली को मुल्लाआतंकवादीराष्ट्र-विरोधी, कटुआ और दलाल बताया था. उसके बाद रमेश बिदूड़ी को उनकी पार्टी ने और महत्वपूर्ण पद और ज्यादा जिम्मेदारियाँ दे दीं. इससे साफ है कि अगर आपको भाजपा में आगे बढ़ना है तो आपको मुसलमानों पर हमला करना ही होगा और वह भी भद्दी और निहायत अशिष्ट भाषा में. रमेश बिदूड़ी को लोकसभा अध्यक्ष ने भी कोई सजा नहीं दी. उन्होंने सिर्फ यह कहा कि अगर बिदूड़ी ऐसा ही फिर करेंगे तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी.

हमने देखा कि किस तरह जानीमानी मुस्लिम महिलाओं को अपमानित करने के लिए बुल्ली बाई और सुल्ली डील आदि जैसे बातें की गईं. यह करने वालों को कोई सजा नहीं मिली. हाल में हल्द्वानी में मस्जिद और मदरसे को ढहा दिया गया जिसके कारण भारी साम्प्रदायिक तनाव हुआ. आज सबसे बड़ी समस्या यह है कि देश में निष्पक्ष मीडिया का नामोनिशान नहीं है. सारे बड़े चैनलों के एंकर हर चीज के लिएदेश की हर समस्या के लिएमुसलमानों को दोषी ठहराते हैं.

देश में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा तो बढ़ ही रही हैइस्लाम के प्रति भी नफरत फैलाई जा रही है. हम सबने देखा कि किस तरह शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने अपनी क्लास के सब बच्चों को एक मुसलमान विद्यार्थी को एक-एक तमाचा मारने को कहा क्योंकि उसने अपना होमवर्क नहीं किया था. एक अन्य अध्यापिका मंजुला देवी ने आपस में लड़ रहे दो मुसलमान लड़कों से कहा कि ये उनका देश नहीं है. बस कंडक्टर मोहन यादव को इसलिए नौकरी से बाहर कर दिया गया क्योंकि उसने बस थोड़ी देर रूकवाई जिस दौरान कुछ यात्री शौच आदि से निवृत्त हुए और कुछ ने नमाज अदा की.

हमारे समाज और देश के लिए नफरत एक अभिशाप है. यह बात हमारे शीर्ष नेताओं ने बहुत पहले समझ ली थी. एक मुस्लिम द्वारा स्वामी सहजानंद की हत्या के बाद महात्मा गाँधी ने अपने अखबार यंग इंडिया’ में लिखा कि ‘‘...हमें वातावरण को नफरत से मुक्त करना है और हमें ऐसे अखबारों का बहिष्कार करना है जो नफरत फैलाते हैं और चीजों को तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत करते हैं.’’ यहाँ गाँधीजी बता रहे हैं कि कैसे उस समय भी कुछ अखबार नकारात्मक भूमिका अदा करते थे. महात्मा गाँधी की हत्या के बाद गोलवलकर को लिखे एक पत्र में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आरएसएस को नफरत फैलाने के लिए दोषी ठहराया. ‘‘उनके सारे भाषण साम्प्रदायिकता के जहर से भरे रहते थे. हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए जहर फैलाना और उन्हें भड़काना जरूरी नहीं था. इसी जहर के नतीजे में देश को महात्मा गाँधी की मूल्यवान जिंदगी से हाथ धोना पड़ा.’’

चीजें अब घूमकर वहीं की वहीं आ गई हैं. आरएसएस फिर से नफरत फैला रहा है. स्वयंसेवकोंप्रचारकों और सरस्वती शिशु मंदिरों के अतिरिक्त मीडिया का एक बड़ा हिस्सा भी इसमें मददगार है. मीडिया ने सत्ता के आगे पूरी तरह घुटने टेक दिये हैं. मीडिया हिंसा और नफरत को बढ़ावा दे रहा है. यही नफरत बुल्ली बाई और सुल्ली डीलतृप्ता त्यागी और मंजुला देवी का निर्माण करती है. ऐसे स्कूलों में जहाँ सभी धर्मों के बच्चे पढ़ते हैंमुस्लिम बच्चों के लिए समस्यायें खड़ी हो रही हैं.

नफरत हमारे संविधान के एक मूलभूत मूल्य - बंधुत्व - के विरूद्ध है. यह उस हिन्दू धर्म के नैतिक मूल्यों के भी खिलाफ है जिसका आचरण महात्मा गाँधी जैसे लोग करते थे. यह वेदों की ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ (पूरी दुनिया एक परिवार है) की शिक्षा पर हमला है. धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमला दरअसल हमारे संविधान पर हमला है. नफरत भरे भाषणों से मुकाबला करने के लिए आज हमें गाँधीजी के हिन्दू धर्मवेदों के वसुधैव कुटुम्बकम और भारतीय संविधान के बंधुत्व के मूल्य की जरूरत है. (अंग्रेजी से रूपांतरण अमरीश हरदेनियालेखक आईआईटी मुंबई में पढ़ाते थे और सन 2007 के नेशनल कम्यूनल हार्मोनी एवार्ड से सम्मानित हैं)  

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Friday, October 20, 2023

مظلوم فلسطینیوں کے لئے بعد نماز جمعہ سنی بڑی مسجد مدنپورہ میں دعا کا اہتمام کیا گیا

 فلسطینی کی حمایت میں دعائیہ پروگرام یا پُر امن احتجاج پر کوئی کارروائی نہ کی جائے  (الحاج محمد سعید نوری) 
(اسٹاف رپورٹر ) ممبئی مدنپورہ۔ سنی  بڑی مسجد مدنپورہ میں اسرائیل اورفلسطین کے درمیان جنگ بندی اور مظلوم فلسطینی کی حمایت کے لئے  بعد نماز جمعہ دعا کا اہتمام کیا گیا ۔اس پروگرام کا اہتمام اسیر مفتی اعظم ہند ،بانی رضا اکیڈمی ، قائد اہل سنت، آل انڈیا سنی جمعیۃ العلما کے
 نائب صدر ،جناب الحاج محمد سعید نوری نے کیا ۔مفتی سلمان ازہری نے  بعد نماز جمعہ مظلوم فلسطنیوں کی غیبی مدد،زخمیوں کی شفا یابی، شہدا کی مغفرت ،مسجد اقصی کی بازیابی کے لئے دعاکی ،کثیر تعداد میں لوگ دعائیہ پروگرام میں شامل ہوئے۔ دعائیہ پروگرام کے بعد میڈیا رپورٹروں سے گفتگو کرتے ہوئے قائد قوم و ملت بانی رضا اکیڈمی الحاج محمد سعید نوری صاحب نے کہا کہ ہماری حمایت مظلوم فلسطینی کے ساتھ ہے ، ہم نے اس لئے دعا کا اہتمام کیا کہ اس خطہ میں امن و شانتی بحال ہو جائے ۔ عام شہری جس پریشانی میں مبتلا ہیں اس سے انہیں نجات مل جائے ۔ ہم تو صرف جنگ بندی چاہتے ہیں تاکہ عام شہری امن وسکون سے رہ سکیں ۔ایک رپورٹر نےآپ سے پوچھا کہ کچھ لوگوں کو اس لئے گرفتار کیا گیا ہےکہ انہوں نے فلسطین کی حمایت میں احتجاج کیا آپ اس کے بارے کیا کہتے ہیں ؟تو آپ نے جواب دیا کہ اگر کوئی پُر امن احتجاج اور دعائی پرو گرام مظلوم فلسطین کی حمایت میں کرتا ہے تو اس پر کارروائی نہیں ہونی چاہئے ۔ہمارے ملک کے وزیر اعظم نے فلسطینیوں کی حمایت کا اعلان کیا ہے اور ضروریات زندگی کے سامان کی فراہمی کا وعدہ بھی کیا ہے ۔ آپ نے مزید کہا کہ  عالم اسلام اسرائیلی اور امریکی مصنوعات کا بائیکاٹ کر کے فلسطینیوں کے ساتھ اظہار ہمدردی کریں ۔ قائد ملت نے گزارش کی کہ اسرائیل اور فلسطین کے درمیان جنگ بندی کے لئےتمام ممالک کو کوشش کرنی چایئے ۔آپ نے سخت ناراضگی کا اظہار کرتے ہوئے کہا کہ اسرائیل غزہ پر بمباری کر کے بے گناہ شہریوں کو قتل عام کر رہاہے ، جو انسانیت کے منا فی ہے،  فلسطینیوں پر جارحانہ حملہ اسرائیل کی بر بریت کا ثبوت ہے عالمی برادری کو چاہیئے کہ فورا جنگ بندی کے لئے مستحکم قدم اٹھائے ۔ میڈیا کے ایک سوال کے جواب میں آپ نے کہا کہ ہما را یہ دعائیہ پروگرام مظلوم فلسطنیوں سے اظہار ہمدردی کے لئے تھا ۔ ہم وہاں جاکر عملی ہمدردی تو نہیں کر سکتے لیکن ان کے لئے دعا تو کر سکتے ہیں اس لئے آج ہم یہاں سنی بڑی مسجد مدنپورہ میں دعا کرنے کے لئے اکٹھا ہوئے ہیں ۔

Tuesday, September 26, 2023

عید میلاد النبی ﷺ پر D. J. ، آتش بازی کے خلاف نوجوانوں میں بیداری۔

عید میلاد النبی ﷺ پر D. J. ، آتش بازی کے خلاف نوجوانوں میں بیداری۔ 
وفد نے کی ایڈیشنل کمشنر سے ملاقات۔
گذشتہ کئی سالوں سے برابر علمائے کرام و ائمۂ مساجد کوشش کر رہے ہیں کہ عید میلاد النبی ْﷺ کے موقع پر D. J.، آتش بازی ، عورتوں کی جلوس میں شمولیت کو لے کر نہ صرف فکر مند رہے بلکہ اس کو ایک تحریک کی شکل میں تبدیل کردیا اور خلاف شرع امور کے خلاف آواز بلند کی ان کی کوششوں سے کافی حد تک لوگوں نے D. J. ، پٹاخے بازی کو کم کرنا شروع کیا ہے ۔ اس سال حضور اکرم صلی اللہ تعالیٰ علیہ وسلم کا 1498؍واں سالہ جشن میلاد ہے ۔ 1500؍ سالہ جشن عید میلاد النبی ﷺکی تیاریاں اسی سال شروع کردی گئی ہیں۔ 
رضا اکیڈمی کی جنرل سیکریٹری الحاج محمد سعید نوری صاحب کی قیادت میں نوجوانوں کے ایک وفد نے ساؤتھ زون ممبئی کےایڈیشنل کمشنر سے ملاقات کی اور ان کو ایک میمورنڈم پیش کیا ۔ سنی یونیٹی وارثی ایجوکیشن اینڈ ویلفیئر سوسائٹی کے ذمہ داران کی موجودگی میں الحاج محمد سعید نوری صاحب نے کہا کہ یہ نوجوانوں نے اس سال D. J.   کے خلا ف چلنے والی تحریک کو بڑا فروغ دیا ہے محلہ محلہ جاکر لوگوں کو سمجھا رہے ہیں کہ ہمارے علمائے کرام جس بات کو منع کر رہے ہیں ہم کو چاہئے کہ ہم اپنے رہبروں اور رہنماؤں کی بات مانیں۔ D. J.، اور آتش بازی میں لاکھوں روپے خرچ ہوتے ہیں اور یہ پیسے حرام میں جاتے ہیں ۔ لہٰذا آپ لوگ ان روپیوں کا جائز استعمال کریں ۔ غریب و ناتواں لوگوں کی مدد کریں۔ لنگر رسول کا اہتمام کریں۔ غریب ، یتیم بچوں کی مدد کریں ۔ بیوہ عورتوں کی مدد کریں۔ 
ان نوجوانوں کی ہمت افزائی ہونی چاہئے ۔ رضا اکیڈمی کے جنرل سکریٹری نے یہ تجویز پیش کی جس علاقہ سے D. J. کی گاڑیاں نکلتی ہے اس جگہ پر اس کو روک لیا جائے ۔ وفد میں انیس نقشبندی ، فہیم رضوی ، محمد اسلام و محمد اسلم وغیرہ شامل تھے۔ 
(فقط)محمد عارف رضو ی 
سکریٹری رضا اکیڈمی

Sunday, September 24, 2023

इमाम जलाल उद्दीन सियूती के मज़ार के तोड़े जाने के विरोध में उलमा-ए-कराम की हुई बैठक,

"आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल उलेमा के दफ़्तर में इमाम जलाल उद्दीन सियूती के मज़ार के तोड़े जाने के विरोध में उलमा-ए-कराम की हुई बैठक, मिस्र सरकार को तुरंत मज़ार-ए-पाक की मरम्मत करनी चाहिए - (मौलाना मुईन मियां)। 

मुंबई, आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल उलेमा के दफ़्तर में इमाम जलाल उद्दीन सियूती के मज़ार-ए-पाक के तोड़े जाने पर उलमा-ए-कराम की एक बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता पीरे तरीक़त रहबर शरीअत हज़रत आलमा मौलाना अलहाज़ शाह सय्यद मुईनउद्दीन अशरफ अशरफी जीलानी साहब सज्जादा ख़ानक़ाह मुक़दसा, सदर आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल उलेमा ने और रज़ा एकेडमी अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहब, नाइब सदर आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल उलेमा ने की।

मुईनअल मशाइख़ ने सख़्त अल्फ़ाज़ में आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के ग़लत क़दम के  हम ख़िलाफ़ है । मिस्र सरकार को तुरंत मज़ार-ए-पाक की मरम्मत करनी चाहिए । उन्होने इमाम जलाल उद्दीन की दिनी खिदमात पर रौशनी डालते हुए कहा कि आपने तक़रीबा पाँच सौ किताबें तस्नीफ़ की हैं । आपकी प्रसिद्ध ज़माना की किताब, तफ़सीर जलालैन शरीफ, तमाम मदारिस इस्लामिया में पढ़ाई जाती है, तारीख़ उल खुलफ़ा, क़ुरआन की तफ़सीर दरमन्थूर भी काफ़ी मक़बूल है । आप आलिम, मुसन्निफ़, मुफ़सिर, मौरिख़ के साथ साथ एक वाली कामिल और आशिक़ रसूल भी थे । आपका मज़ार-ए-पाक एक अर्सा दराज़ से मर्ज़ी ख़लाईक़ बना हुआ है । मुसलमान आक़ीदत से आपके मज़ार पर हाज़िर होते हैं । आख़िर में मुईनअल मशाइख़ ने कहा कि इस सिलसिले में मिसरी कॉन्सिल से राब्ता किया जाएगा । 

वहीं  रज़ा एकेडमी के प्रमुख मुहम्मद सईद नूररी ने कहा कि इस वली के मज़ार को ढ़हाना मुसलमानों के जज़्बात को चोट पहुँचाना है। आपने सख़्त अल्फ़ाज़ में मुज़म्मत करते हुए कहा कि यह सब यहूद और नसारा के इशारे पर हो रहा है । रास्ता बनाने के बहाने मज़ारात को मुंहदम करना इंतिहा'ई घटिया हरकत है जबकि अन्य साधनों के ज़रिए रास्ता बनाया जा सकता है । ऐसी मुक़दस हस्ती के मज़ार को मुंहदम करना मुसलमान कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता । उन्होने कहा कि बहुत जल्द मिसरी कॉन्सिल को एक मेमोरेंडम प्रेज़ेंट किया जाएगा कि मज़ार की इन्हिदामी कार्रवाई रोक कर इमारत की दोबारा मरम्मत किया जाए । 

सात रास्ता मस्जिद-ए-क़बा के खतीब और इमाम मौलाना अमान उल्लाह रज़ा ने सख़्त नाराज़गी आयोजित करते हुए कहा कि सभी मुसलमान मुल्कों को इस के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने की आवश्यकता है । उन्होंने आगे कहा कि मज़ारात के ढहाने का सिलसिला सउदी सरकार ने शुरू किया था जो इंतिहा'ई घटिया है । आज मिस्र सरकार ने इमाम जलाल उद्दीन सियूती के मज़ार-ए-पाक पर इन्हिदामी कार्रवाई करके सभी मुसलमानों के दिलों को तकलीफ़ पहुँचाई है । मौलाना ख़लील उर रहमान नौरी ने कहा कि इस की जितनी भी मज़म्मत की जाए कम है । इमाम जलाल उद्दीन सियूती एक आलिम दीन और मौरिख़ और वली भी थे । उनके मज़ार को ढ़हाना हम सबके लिए बहुत ही तकलीफ़ है । हम सख़्त अल्फ़ाज़ में मज़म्मत करते हैं । सभी उलमा ने इस इन्हिदामी कार्रवाई के ख़िलाफ़ मज़म्मत की ।"

Saturday, August 5, 2023

نفرتی ماحول ، ملک کے لئے نقصان دہ: جماعت اسلامی ہند


05-08-2023

پریس ریلیز


نئی دہلی: ”منی پور میں المناک نسلی تشدد تقریبا تین ماہ سے جاری ہے۔ اتنے عرصے تک کسی بھی تشدد کا جاری رہنا، انسانیت کے لئے باعث شرم ہے۔ یہ ریاستی اور مرکزی دونوں سطحوں پر حکمرانوں کی ناکامی کو ظاہر کرتا ہے۔ اگر حکومت کی جانب سے بروقت کارروائی کی جاتی تو تشدد کو روکا جاسکتا تھا جس سے کئی قیمتی جانیں بچ سکتی تھیں اور عبادت گاہوں پر حملے کو روکا جاسکتا تھا“۔ یہ باتیں  نائب امیرجماعت اسلامی ہند پروفیسر محمد سلیم نے مرکز، نئی دہلی میں منعقدہ پریس کانفرنس میں کہی۔ انہوں نے کہا کہ اس تشدد سے اشارہ ملتا ہے کہ بھارت میں اقلیتوں کو عدم تحفظ، امتیازی سلوک، پسماندگی اور انتظامیہ و سیاست میں نمائندگی کی کمی جیسے مسائل کا سامنا ہے۔ منی پور میں بے بس خواتین کو برہنہ پریڈ کرائے جانے کے غیر انسانی رویے نے پورے ملک کو شرمسار اور خواتین کے تحفظ اور ان کے وقار کو شدید چوٹ پہنچایا ہے۔ حکومت کو چاہئے کہ وہ حالات کو معمول پر لانے کے لئے فوری مناسب اقدامات کرے اور قصورواروں کو سخت سزا دے“۔ ’لوک نیتی - سی ایس ڈی ایس‘ کی حالیہ میڈیا سروے کی رپورٹ پراپنے تاثرات کا اظہار کرتے ہوئے انہوں نے کہا کہ”ملک میں میڈیا کی آزادی کو سلب کرلی گئی ہے۔ صحافت سے منسلک افراد میں عدم اطمینان ہے۔ لہٰذا میڈیا اداروں کو اپنے ملازمین کے عدم اطمینان کے خاتمے اور ان کی فلاح و بہبود کے لئے ترجیحی بنیاد پر اقدامات کرنا چاہئے اور صحافیوں کو اپنی بات کہنے کے لئے مکمل آزادی ملنی چاہئے“۔انہوں نے کہا کہ ”میڈیا کو بھی منصفانہ اور غیر جانبدارانہ خبروں کو ہی عوام تک لے کر جانا چاہئے“۔ 

جے پور، ممبئی ٹرین حادثہ پر بات کرتے ہوئے نائب امیر جماعت ملک معتصم خان نے کہا کہ ”برسراقتدار طاقتوں کی طرف سے بنیاد پرستی اور پولرائزیشن کو ہوا دینے کے نتیجے میں یہ گھناؤنا جرم ہوا ہے جس میں آر پی ایف کے ایک کانسٹیبل نے اپنے ایک سینئر سب انسپکٹر سمیت تین شہریوں کو گولی کا نشانہ بناکر موت کی نیند سلا دیا۔ ملزم نے مسلمانوں سے مشابہت رکھنے والے مسافروں کو نشانہ بنایا۔ یہ مسلمانوں کے خلاف منظم تشدد کے سلسلے کی ایک کڑی ہے جو ملک میں معمول بنتا جارہاہے“۔ انہوں نے کہا کہ”ملزم قتل کے بعد وزیر اعظم اور یو پی کے وزیر اعلیٰ کی تعریف کررہاتھا،یہ انتہائی حیران کن بات ہے۔ تشدد کا یہ ماحول ملک میں غیر ذمہ دار میڈیا، متعصبانہ کردار پرمبنی فلموں اور اشتعال انگیز لٹریچروں کی وجہ سے بھی پیدا ہوا ہے۔ جماعت ملزم کے خلاف قانونی کارروائی کرنے اور مرنے والوں کے اہل خانہ کو معاوضہ اور روزگارفراہم کرنے کا مطالبہ کرتی ہے۔نیز پورے معاملے کی اعلیٰ سطحی جانچ ہو“۔

  جماعت کے نیشنل سکریٹری مولانا شفیع مدنی نے کہا کہ ”ہریانہ کے ’سوہنا‘اور’نوح‘ میں تشدد جس میں دو ہوم گارڈز سمیت چھ افراد کی موت ہوئی، ایک ہندو حامی تنظیم کی طرف سے نکالے گئے جلوس کی وجہ سے ہوا۔ اس تشدد کی وجہ سے ہریانہ میں خوف کا ماحول ہے۔ تشدد میں ملوث سماج دشمن عناصر بے خوف ہیں، انہیں یقین ہے کہ ان کے خلاف کوئی قانونی کارروائی نہیں ہوگی، کیونکہ انہیں سیاسی سرپرستی حاصل ہے“۔  انہوں نے کہا کہ”جماعت ہلاک ہونے والوں کے لئے مناسب معاوضے کا مطالبہ کرتی ہے۔ ساتھ ہی معاملے کی فوری اعلیٰ سطحی انکوائری اور ان پولیس اہلکاروں کے خلاف سخت کارروائی کا مطالبہ کرتی ہے جو پیشگی اطلاع کے باوجود شہریوں کو تحفظ فراہم کرنے میں ناکام رہے۔ صورت حال کا جائزہ لینے کے لئے جماعت کے ایک وفد نے متاثرہ علاقے کا دورہ کیا اور متعلقہ علاقے کے پولیس آفیسر اور باشندوں سے ملاقات کی۔  

ملک کی مختلف ریاستوں میں خواتین اور لڑکیوں کا لاپتہ ہونا ایک تشویشناک بات ہے۔ محترمہ رحمت النساء، نیشنل سکریٹری شعبہ ویمن،جماعت اسلامی ہند نے نیشنل کرائم ریکارڈ بیورو (این سی آر بی) کی مرتب کردہ رپورٹ پر جس میں  2019 تا 2021 ملک بھر سے 13.13 لاکھ سے زیادہ لڑکیوں اور خواتین کے لا پتہ ہونے کی بات کہی گئی ہے، افسوس کا اظہار کرتے ہوئے کہا کہ”یہ تعداد تو وہ ہے جس کی رپورٹنگ ہوئی ہے۔ جن لاپتہ خواتین کی رپورٹنگ نہ ہوسکی، ان کی تعداد بھی بہت بڑی ہوسکتی ہے۔ اس سے واضح ہوتا ہے کہ ’بیٹی بچاؤ کا نعرہ محض ایک انتخابی نعرہ ہے“۔ انہوں نے کہا کہ خواتین کے خلاف جنسی جرائم کی روک تھام کا بہترین طریقہ اخلاقیات اور اخلاقیات پر مبنی معاشرہ کی تشکیل ہے۔ یہی معاشرہ خواتین کو بازاری قوتوں کا آلہ کار بننے سے روک سکتا ہے۔خواتین کو ان کے جائز حقوق ملنے چاہئیں