श्री अजित पवार उप मुख्य मंत्री महाराष्ट्र ने नागरिकों के लिए 'जन संवाद' अभियान की शुरुआत की
पुणे, 13 सितंबर: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार ने हडपसर में 'जन संवाद' अभियान की शुरुआत की। इस पहल के माध्यम से नागरिक सीधे सरकारी तंत्र से जुड़ रहे हैं और इसमें व्हाट्सएप चैटबॉट, डिजिटल कियोस्क और मिस्ड कॉल नंबर जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया है। पारदर्शी शिकायत निवारण प्रणाली ने सैकड़ों नागरिकों को अपनी समस्याओं को अधिकारियों तक आसानी से पहुँचाने में सक्षम बनाया है। जन संवाद अभियान में शिकायतें दर्ज करने, उन्हें अधिकारियों तक पहुँचाने, विभागीय समन्वय और नियमित अनुवर्ती कार्रवाई के माध्यम से उनका समाधान करने की एक सुव्यवस्थित प्रणाली लागू की गई है।
यह अभियान कई महीनों के सर्वेक्षण और जनता से सीधे संवाद के बाद तैयार किया गया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सिविल सेवाओं के साथ-साथ विभिन्न विभागों के कामकाज में कमियों को दूर करना है। 'जन संवाद' केवल शिकायत निवारण का एक मंच नहीं है, बल्कि इस माध्यम से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवस्था बनाई गई है।
हडपसर में आयोजित कार्यक्रम में 30 सरकारी विभागों ने भाग लिया। नागरिकों ने यहाँ 4,000 से अधिक शिकायतें दर्ज कीं, जिनमें से 1,500 से अधिक शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया गया। शिकायतों में विशेष रूप से जलापूर्ति और यातायात जाम से संबंधित मुद्दे दर्ज किए गए। अजित पवार ने स्वयं सुबह से, दोपहर का भोजन किए बिना, देर दोपहर तक पूरी प्रक्रिया को व्यक्तिगत रूप से संबोधित किया और यथासंभव अधिक से अधिक समस्याओं का समाधान किया।
प्रत्यक्ष संपर्क, सरकारी तंत्र से सहयोग और अत्याधुनिक डिजिटल उपकरणों के उपयोग के तीन सिद्धांतों पर आधारित 'जन संवाद' पुणे में पहला प्रयोग बन गया है। नागरिकों, सरकारी विभागों और राजनीतिक नेतृत्व को एक मंच पर लाकर, इस पहल ने जनप्रतिनिधियों और जनता के बीच विश्वास के बंधन को मजबूत करने का कार्य किया है।
इस अभियान के तहत, नागरिकों को विभागवार डिजिटल कियोस्क, व्हाट्सएप चैटबॉट और हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की सुविधा प्रदान की गई है। चूँकि प्रत्येक शिकायत दर्ज की जाती है और नियमों के अनुसार उसकी निगरानी और अनुवर्ती कार्रवाई की जाती है, इसलिए समय पर कार्रवाई करना आसान हो गया है।
हडपसर के बाद यह अभियान पूरे राज्य में लागू किया जाएगा और इस पहल को जनता के साथ निरंतर संवाद बनाए रखते हुए जवाबदेह शासन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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