अजित पवार के चिंचवाड़ जन संवाद में 3000 शिकायतें प्राप्त हुईं, 1200 मुद्दों का मौके पर ही निपटारा
*प्रेस नोट*
पुणे, 15 अक्टूबर: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजित पवार के नेतृत्व में आज चिंचवाड़ में लोगों की स्थानीय शिकायतों का सीधा समाधान करने के लिए 'जन संवाद' कार्यक्रम आयोजित किया गया।
चिंचवाड़ में आज इस पहल के तहत लगभग 3000 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 1200 शिकायतों का तुरंत समाधान किया गया। अन्य मामलों पर संबंधित विभागों द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
ये शिकायतें मुख्य रूप से समाज कल्याण, जल आपूर्ति, राजस्व, भवन निर्माण परमिट, पुलिस, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, नगर सर्वेक्षण कार्यालय, विद्युत वितरण, स्वास्थ्य, सहकारी समितियों और परिवहन विभागों से संबंधित थीं। प्रत्येक विभाग को 200 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
पिछले जनसंवाद सत्रों में, हडपसर से 4000, पिंपरी से 4800, खडकवासला से 3600 और चिंचवड़ से 3000 कुल 15 हज़ार शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 6,200 शिकायतों का तत्काल समाधान किया गया। शेष मामलों का संबंधित विभागों द्वारा अनुवर्तन किया जा रहा है।
चिंचवड़ में जनसंवाद पहल में नागरिक, अधिकारी और जनप्रतिनिधि एक मंच पर एकत्रित हुए। कार्यक्रम में आवेदन पंजीकरण, ट्रैकिंग और विभागीय समन्वय को सुगम बनाने के लिए व्हाट्सएप चैटबॉट, हेल्पलाइन नंबर और डिजिटल कियोस्क जैसे आधुनिक माध्यमों का उपयोग किया गया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा, "आज प्राप्त सभी आवेदन पंजीकृत कर दिए गए हैं। मैं स्वयं संभागीय कार्यालय जाकर पुणे संभागीय आयुक्त और नगर निगम अधिकारियों के साथ संबंधित मुद्दों पर चर्चा करूँगा। प्रत्येक विभाग से संबंधित प्रतिनिधियों को आवश्यक निर्देश दिए जाएँगे। कुछ स्थानों पर, यह बात सामने आ रही है कि पीएमआरडीए के भूखंडों की अवैध खरीद-फरोख्त हो रही है, जो धोखाधड़ी के समान है। ऐसी ज़मीनें खरीदना गलत है।"
उन्होंने आगे कहा, "सभी आवेदनों पर अनुवर्ती कार्रवाई की जाएगी। मैं यह नहीं कह रहा कि शत-प्रतिशत काम पूरा हो जाएगा, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय करके यथासंभव अधिक से अधिक काम पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। मैं पिंपरी-चिंचवड़ और आसपास के इलाकों के लोगों से यही कहना चाहता हूँ।"
अजित पवार की 'जन संवाद' पहल ने सरकार और नागरिकों के बीच संवाद को और अधिक व्यावहारिक, तकनीक-आधारित और उत्तरदायी बनाया है। यह प्रशासन में पारदर्शिता और सीधे संपर्क बढ़ाने के उनके दृष्टिकोण का एक सफल उदाहरण बन गया है। भविष्य में राज्य के विभिन्न जिलों में ऐसे जन संवाद सत्र नियमित रूप से आयोजित किए जाएँगे।
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