वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ अखिल भारतीय सुन्नी जमीयत उलेमा की ओर से जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल को ज्ञापन -

एक बार संपत्ति वक्फ हो जाने पर वह हमेशा वक्फ ही रहती है - जगदंबिका पाल
वक्फ संपत्ति की सुरक्षा मुस्लिम उम्माह की जिम्मेदारी: मोइन मियां
ऐसा कोई भी कानून स्वीकार्य नहीं है, जो वक्फ के उद्देश्यों के विपरीत हो - अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी
(स्टाफ रिपोर्टर) मरीन लाइन इस्लाम जिमखाना, मुंबई में पीर तरीकत, हजरत अल्लामा मौलाना सैयद मोइनुद्दीन अशरफ अशरफी जिलानी साहब सज्जादा खानकाह आलिया, किछोछा मुकद्दसा और ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलमा के अध्यक्ष, उलेमा ए अहल-ए-सुन्नत, क़ौम ओ मिल्लत और रजा एकेडमी के संस्थापक अल्हाज मुहम्मद ने सईद नूरी ने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल को वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान बड़ी संख्या में उलेमा और इमाम मौजूद थे, जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने ज्ञापन स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि मैं आपकी मांगों को समिति के सामने रखूंगा, मैं पूरी कोशिश करूंगा कि वक्फ और समुदाय के सदस्यों की संपत्ति को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं इस बिल में उठाई गई आपत्तियों को दूर करने का प्रयास करूंगा और आगे की समझ के लिए आपको दिल्ली बुलाऊंगा, यदि कोई आपत्ति है, तो समिति के सदस्यों द्वारा उस पर विचार किया जाएगा। लोगों में पाई जा रही चिंता को दूर किया जाएगा। मोइन अल-मशाइख ने कहा कि वक्फ संपत्ति की सुरक्षा मुस्लिम उम्मा पर एक कर्तव्य है। उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि कई वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से नष्ट कर दिया गया है, लेकिन अब कम से कम बची हुई संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ''सरकार को ऐसा कानून लागू नहीं करना चाहिए जिससे वक्फ संपत्तियों को खतरा न हो'' उन्होंने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि समिति विचार-विमर्श के बाद जो फैसला लेगी, वह मुसलमानों के लिए अच्छा होगा और वक्फ कानून मुसलमानों के धार्मिक और सामाजिक जीवन का हिस्सा है।'' रजा एकेडमी के संस्थापक अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी ने कहा कि ऐसा कोई कानून स्वीकार्य नहीं है जो वक्फ के उद्देश्यों के खिलाफ हो। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्ति मुसलमानों के पूर्वजों ने  वक्फ की थी, यह सरकार द्वारा दी गई संपत्ति नहीं है, यह वक्फ में दखल है, यह शरीयत में दखल है क्योंकि इसका कानून इस्लामिक किताब में है। इस्लाम ने इसके उपयोग, इसकी सुरक्षा, इसकी निगरानी को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है, इसलिए इसके आदेश को तदनुसार लागू किया जाना चाहिए, नए बिल से पता चलता है कि सरकार का इरादा पारदर्शिता लाने का नहीं बल्कि अल्पसंख्यक को कमजोर करना है, हम समिति से इसे रद्द करने की मांग करते हैं इस नए विधेयक में वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रसिद्ध वकील श्री रिजवान मर्चेंट ने कहा कि जो वक्फ संपत्तियां चली गई हैं वे वापस नहीं आ सकतीं लेकिन ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए कि आय के स्रोत का उपयोग वक्फ के लिए किया जाए , और वक्फ की आय को अल्पसंख्यकों की चिकित्सा और शिक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए। जालना से वक्फ बोर्ड के पूर्व सदस्य सैयद जमील साहब ने सभापति के समक्ष आपत्तियां, रिपोर्टें पेश कीं और कहा कि वक्फ बोर्ड के सीओ की शक्तियां कलेक्टर को दे दी गयीं और कहा कि इससे बोर्ड की परेशानियां बढ़ेंगी। वक्फ बोर्ड, और वक्फ बोर्ड का अधिकार क्षेत्र सीमित रहेगा, जो चिंता का विषय है, जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पॉल ने आखिरकार आश्वासन दिया कि मैं आपकी सभी मांगों को समिति के सामने रखूंगा।

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