Tuesday, September 26, 2023

عید میلاد النبی ﷺ پر D. J. ، آتش بازی کے خلاف نوجوانوں میں بیداری۔

عید میلاد النبی ﷺ پر D. J. ، آتش بازی کے خلاف نوجوانوں میں بیداری۔ 
وفد نے کی ایڈیشنل کمشنر سے ملاقات۔
گذشتہ کئی سالوں سے برابر علمائے کرام و ائمۂ مساجد کوشش کر رہے ہیں کہ عید میلاد النبی ْﷺ کے موقع پر D. J.، آتش بازی ، عورتوں کی جلوس میں شمولیت کو لے کر نہ صرف فکر مند رہے بلکہ اس کو ایک تحریک کی شکل میں تبدیل کردیا اور خلاف شرع امور کے خلاف آواز بلند کی ان کی کوششوں سے کافی حد تک لوگوں نے D. J. ، پٹاخے بازی کو کم کرنا شروع کیا ہے ۔ اس سال حضور اکرم صلی اللہ تعالیٰ علیہ وسلم کا 1498؍واں سالہ جشن میلاد ہے ۔ 1500؍ سالہ جشن عید میلاد النبی ﷺکی تیاریاں اسی سال شروع کردی گئی ہیں۔ 
رضا اکیڈمی کی جنرل سیکریٹری الحاج محمد سعید نوری صاحب کی قیادت میں نوجوانوں کے ایک وفد نے ساؤتھ زون ممبئی کےایڈیشنل کمشنر سے ملاقات کی اور ان کو ایک میمورنڈم پیش کیا ۔ سنی یونیٹی وارثی ایجوکیشن اینڈ ویلفیئر سوسائٹی کے ذمہ داران کی موجودگی میں الحاج محمد سعید نوری صاحب نے کہا کہ یہ نوجوانوں نے اس سال D. J.   کے خلا ف چلنے والی تحریک کو بڑا فروغ دیا ہے محلہ محلہ جاکر لوگوں کو سمجھا رہے ہیں کہ ہمارے علمائے کرام جس بات کو منع کر رہے ہیں ہم کو چاہئے کہ ہم اپنے رہبروں اور رہنماؤں کی بات مانیں۔ D. J.، اور آتش بازی میں لاکھوں روپے خرچ ہوتے ہیں اور یہ پیسے حرام میں جاتے ہیں ۔ لہٰذا آپ لوگ ان روپیوں کا جائز استعمال کریں ۔ غریب و ناتواں لوگوں کی مدد کریں۔ لنگر رسول کا اہتمام کریں۔ غریب ، یتیم بچوں کی مدد کریں ۔ بیوہ عورتوں کی مدد کریں۔ 
ان نوجوانوں کی ہمت افزائی ہونی چاہئے ۔ رضا اکیڈمی کے جنرل سکریٹری نے یہ تجویز پیش کی جس علاقہ سے D. J. کی گاڑیاں نکلتی ہے اس جگہ پر اس کو روک لیا جائے ۔ وفد میں انیس نقشبندی ، فہیم رضوی ، محمد اسلام و محمد اسلم وغیرہ شامل تھے۔ 
(فقط)محمد عارف رضو ی 
سکریٹری رضا اکیڈمی

Sunday, September 24, 2023

इमाम जलाल उद्दीन सियूती के मज़ार के तोड़े जाने के विरोध में उलमा-ए-कराम की हुई बैठक,

"आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल उलेमा के दफ़्तर में इमाम जलाल उद्दीन सियूती के मज़ार के तोड़े जाने के विरोध में उलमा-ए-कराम की हुई बैठक, मिस्र सरकार को तुरंत मज़ार-ए-पाक की मरम्मत करनी चाहिए - (मौलाना मुईन मियां)। 

मुंबई, आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल उलेमा के दफ़्तर में इमाम जलाल उद्दीन सियूती के मज़ार-ए-पाक के तोड़े जाने पर उलमा-ए-कराम की एक बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता पीरे तरीक़त रहबर शरीअत हज़रत आलमा मौलाना अलहाज़ शाह सय्यद मुईनउद्दीन अशरफ अशरफी जीलानी साहब सज्जादा ख़ानक़ाह मुक़दसा, सदर आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल उलेमा ने और रज़ा एकेडमी अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहब, नाइब सदर आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल उलेमा ने की।

मुईनअल मशाइख़ ने सख़्त अल्फ़ाज़ में आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के ग़लत क़दम के  हम ख़िलाफ़ है । मिस्र सरकार को तुरंत मज़ार-ए-पाक की मरम्मत करनी चाहिए । उन्होने इमाम जलाल उद्दीन की दिनी खिदमात पर रौशनी डालते हुए कहा कि आपने तक़रीबा पाँच सौ किताबें तस्नीफ़ की हैं । आपकी प्रसिद्ध ज़माना की किताब, तफ़सीर जलालैन शरीफ, तमाम मदारिस इस्लामिया में पढ़ाई जाती है, तारीख़ उल खुलफ़ा, क़ुरआन की तफ़सीर दरमन्थूर भी काफ़ी मक़बूल है । आप आलिम, मुसन्निफ़, मुफ़सिर, मौरिख़ के साथ साथ एक वाली कामिल और आशिक़ रसूल भी थे । आपका मज़ार-ए-पाक एक अर्सा दराज़ से मर्ज़ी ख़लाईक़ बना हुआ है । मुसलमान आक़ीदत से आपके मज़ार पर हाज़िर होते हैं । आख़िर में मुईनअल मशाइख़ ने कहा कि इस सिलसिले में मिसरी कॉन्सिल से राब्ता किया जाएगा । 

वहीं  रज़ा एकेडमी के प्रमुख मुहम्मद सईद नूररी ने कहा कि इस वली के मज़ार को ढ़हाना मुसलमानों के जज़्बात को चोट पहुँचाना है। आपने सख़्त अल्फ़ाज़ में मुज़म्मत करते हुए कहा कि यह सब यहूद और नसारा के इशारे पर हो रहा है । रास्ता बनाने के बहाने मज़ारात को मुंहदम करना इंतिहा'ई घटिया हरकत है जबकि अन्य साधनों के ज़रिए रास्ता बनाया जा सकता है । ऐसी मुक़दस हस्ती के मज़ार को मुंहदम करना मुसलमान कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता । उन्होने कहा कि बहुत जल्द मिसरी कॉन्सिल को एक मेमोरेंडम प्रेज़ेंट किया जाएगा कि मज़ार की इन्हिदामी कार्रवाई रोक कर इमारत की दोबारा मरम्मत किया जाए । 

सात रास्ता मस्जिद-ए-क़बा के खतीब और इमाम मौलाना अमान उल्लाह रज़ा ने सख़्त नाराज़गी आयोजित करते हुए कहा कि सभी मुसलमान मुल्कों को इस के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने की आवश्यकता है । उन्होंने आगे कहा कि मज़ारात के ढहाने का सिलसिला सउदी सरकार ने शुरू किया था जो इंतिहा'ई घटिया है । आज मिस्र सरकार ने इमाम जलाल उद्दीन सियूती के मज़ार-ए-पाक पर इन्हिदामी कार्रवाई करके सभी मुसलमानों के दिलों को तकलीफ़ पहुँचाई है । मौलाना ख़लील उर रहमान नौरी ने कहा कि इस की जितनी भी मज़म्मत की जाए कम है । इमाम जलाल उद्दीन सियूती एक आलिम दीन और मौरिख़ और वली भी थे । उनके मज़ार को ढ़हाना हम सबके लिए बहुत ही तकलीफ़ है । हम सख़्त अल्फ़ाज़ में मज़म्मत करते हैं । सभी उलमा ने इस इन्हिदामी कार्रवाई के ख़िलाफ़ मज़म्मत की ।"