Saturday, February 26, 2022

महारष्ट्र में स्कूल पूरी क्षमता से ऑफलाइन क्लासेस के साथ 2 मार्च से चली जाएगी


मुंबई में Covid19 मामले कम होते ही सबी स्कूल 
कॉलेज Covid19 से पहले की तरह दोबारा पूरी क्षमता 
वाले छात्रों के साथ 2 मार्च से चलने को कहा है बीएमसी ने
अभिभावक मंत्री आदित्य ठाकरे और बीएमसी आयुक्त इकबाल
 सिंह चहल की बैठक के 
बाद शुक्रवार को बीएमसी ने गाइडलाइन
 जारी करते हुए मुंबई में सबी बोर्ड माध्यम
 की प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों को
 विभाजित 19 से पहले की तरह फुल टाइम फुल टाइम फुल क्लास 100% स्टूडेंट काओसिटी के साथ 2 मार्च से चला सकते हैं
नई गाइडलाइंस के बदलाव
स्कूल में स्टूडेंट्स का एंट्री के वक्त टेम्परेचर चेक करना
 जरूरी है साथ ही मास्क पहनना भी सिर्फ स्पोर्ट्स
 एक्टिविटी या फिजिकल ट्रेनिंग के वक्त मास्क पहनना
 जरूरी नहीं
क्लास रूम में और स्कूल बस में ट्रैवलिंग के वक्त मास्क 
पहनना जरूरी है
स्कूल को 15 साल पुराने से ज्यादा उम्र वाले छात्रों को
 उनके माता-पिता की अनुमति लेकर टीकाकरण अभियान
 का संचालन करना छैये
माता-पिता को सूचित करें कि किया गया है के अगर
 बच्चन को सर्दी खानाई बुखार है तो स्कूल ने भेजा

Tuesday, February 22, 2022

आयशा व सानिया का इंस्पायर अवार्ड के अन्तर्गत जिला स्तर पर हुआ चयनआगामी प्रोजेक्ट के लिए मिली 10 हजार की पुरस्कार राशिसंस्थान ने भी नकद पुरुस्कार राशि से किया सम्मानित

      जोधपुर 22 फरवरी। कमला नेहरू नगर स्थित मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के अधीन संचालित फिरोज खान मेमोरियल गल्र्स सीनियर सैकेण्डरी स्कूल की कक्षा 9वीं की छात्रा आयशा के प्रोजेक्ट ‘छत की सफाई के दौरान धूल एकत्रित करने वाला संशोधित झाडू‘ व कक्षा 10वीं की छात्रा सानिया गौरी के प्रोजेक्ट ‘सौर ऊर्जा संचालित कपडा प्रेस करने की गाडी‘ का जिला स्तरीय इंस्पायर अवार्ड के लिए चयन हुआ है।
      फिरोज खान कैम्पस सीनियर प्रिंसीपल शबाना टाक ने बताया कि छात्रा आयशा ने अपने प्रोजेक्ट से यह संदेश दिया की झाडू से छत की सफाई करते समय धूल सफाई करने वाले व्यक्ति और जमीन पर गिरती है। धूल इकट्ठा करने के लिए एक उल्टे छतरी के आकार को झाडू में लगाने का विचार दिया है ताकि धूल व्यक्ति या जमीन पर न गिरे और आसानी से एकत्रित हो सकें।
      दूसरी ओर छात्रा सानिया ने अपने प्रोजेक्ट में एक जगह से दूसरी जगह जाने वाली मोबाइल सौर ऊर्जा चलित कपडा प्रेस करने की गाडी डिजाइन की है। जिसमे कोयले की जगह सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। इसकी खास बात यह रही कि सौर ऊर्जा न होने पर इसे बेटरी, बिजली व डीजल से  संचालित जनरेटर द्वारा भी संचालित किया जा सकता है। इससे न केवल कोयले की बचत होगी बल्कि घर-घर जाकर विक्रेता (प्रेस करने वाला) अपनी आय बढ़ा सकता है। साथ ही इस कपडा प्रेस मोबाइल गाडी में एक सिक्का संचालित जीएसएम, पीसीओ, यूएसबी चार्जिंग पोईंट और मोबाइल रिचार्जिंग किट भी फिट किया जा सकता है।
      स्कूल प्रिंसीपल शमीम शेख ने बताया कि शिक्षा विभाग की चयन समिति द्वारा दोनो छात्राओं के विचार व माॅडल उत्कृष्ठ माने गये और दोनो का चयन जिला स्तर पर हुआ और आगामी जिला स्तर पर प्रोजेक्ट बनाने के लिए 10 हजार रुपये की राशि प्रति छात्रा के बैंक में प्रदान की गई।
      संस्थान की इस उपलब्धि पर सोसायटी के उपाध्यक्ष मोहम्मद अतीक ने दोनो छात्राओं को नकद एक-एक हजार रूपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप भेंट की। सम्मान के इस कार्यक्रम में सीनियर प्रिंसीपल शबाना टाक, प्रिंसीपल शमीम शेख एवं दोनो छात्राअें को मोटिवेट करने वाले उनके साइन्स टीचर अशोक चौहान एवं नेहा बानो सहित साोसायटी से जुड़े कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

Monday, February 14, 2022

अजमेर दरगाह में मौलाना आज़ाद विश्वविद्यालयकी ओर से चादर शरीफ हुई पेशदेश की तरक़्क़ी, ख़ुशहाली व क़ौमी एकता के लिए मांगी गई दुआएं


    जोधपुर 12 फरवरी। हज़रत ख़्वाजा सय्यदना ख्वाज़ा गरीब नवाज मुईनुद्दीन हसन चिश्ती के 810 वें उर्स के मुबारक मौके पर मौलाना आजाद विश्वविद्यालय जोधपुर के प्रतिनिधिमंडल की ओर से अक़ीदत की चादर शरीफ और फूल पेश किये गये।
    मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी के सीईओ मोहम्मद अतीक़ की ओर से भेजी गई इस चादर को लाने वाले प्रतिनिधिमंडल में सोसायटी मैनेजमेंट के मोहम्मद सादिक फारूकी, मोहम्मद शफी, शहाबुद्दीन खान, मोहम्मद यूसुफ चुंदडीगर, टीपू सुल्तान, मोहम्मद युसूफ व जिल्ले मोहम्मद ने शिरकत की।
     चादर शरीफ और दस्तारबंदी प्रोग्राम में अजमेर दरगाह शरीफ से जुड़े कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
     क़ौमी एकता के प्रतीक व ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से दुनिया भर में मशहूर इस दरगाह में मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी व मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी, जोधपुर से जुड़ी समस्त संस्थाओं की तरक्की, कामयाबी और देश की खुशहाली, अमन, शान्ति, कौमी एकता व भाईचारे के लिए दुआएं मांगी गई।


Thursday, February 10, 2022

*हिजाब पर प्रतिबंध, संविधान में दी गई व्यक्तिगत स्वतंत्रता के खिलाफ: अल्हाज सईद नूरी*

*बरेली शरीफ/10 फरवरी:* कर्नाटक के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध का मुद्दा न्यायपालिका में विचाराधीन है। हालांकि हिजाब पर प्रतिबंध लगाना धर्म में हस्तक्षेप है, जबकि भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को व्यक्तिगत और धार्मिक स्वतंत्रता और अपनी इच्छानुसार जीने का अधिकार देता है। इसलिए इस तरह का कोई भी निर्णय, चाहे वह स्कूल-कॉलेज प्रशासन या किसी भी सरकारी अदारे का हो, इसे पूरी तरह से खारिज किया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि तहफ्फुज ए नामूस ए रिसालत के विषय पर उर्स ख्वाजा गरीब नवाज़ अजमेर शरीफ में आयोजित "शांति सम्मेलन" में भाग लेने के बाद, रजा़ अकादमी के संस्थापक मुहम्मद सईद नूरी बरेली शरीफ पहुंचे जहां उन्होंने विभिन्न उलेमा वह मशाएख से मुलाकात की। हिजाब के मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए, उन्होंने राजनीतिक दलों से शिक्षा और धर्म को राजनीति से अलग रखने की अपील की, क्योंकि शैक्षणिक संस्थान, स्कूल और कॉलेज देश के युवाओं के भविष्य को आकार देते हैं। यहां भारत की गंगा-जमनी सभ्यता फलती-फूलती है... हिजाब जैसे विषयों पर राजनीतिक पैंतरेबाज़ी से युवाओं की शैक्षिक गतिविधियाँ प्रभावित होंगी जो देश और राष्ट्र के विकास के रास्ते में बाधक होंगी। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि अगर आरएसएस की अल्पसंख्यक शाखा ने हिजाब के समर्थन में जो बयान दिया है, वह काफी नहीं है। ऐसा बयान तो आर एस एस मुखिया की ओर से आना चाहिए। आरएसएस द्वारा हिजाब का विरोध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करनी चाहिए।

वहीं तहरीक-ए-दुरूद व सलाम के मौलाना अब्बास रिजवी ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों को निशाना बनाकर साबित कर रहे हैं कि यह सब सियासी फायदा हासिल करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें देश और राष्ट्र की शांति और व्यवस्था की चिंता  करनी चाहिए, मगर ये लोग देश की शांति और व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे। उन्होंने आगे कहा कि रजा़ एकेडमी ऐसे किसी भी असंवैधानिक कृत्यों की निंदा करती है और सरकार से हिजाब की आड़ में नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आह्वान करती है।

Tuesday, February 8, 2022

तहफ्फुज ए नामुस ए रिसालत बिल का समर्थन करना देश के हर मुसलमान की जिम्मेदारी*

अजमेर शरीफ 7 फरवरी: हिंदल-वली, अता-ए-रसूल, ख्वाजा गरीब नवाज के 810वें उर्स के मौके पर तहफ्फुज ए नामुस ए रिसालत बिल के समर्थन के लिए एक रज़ा एकेडमी ने एक सेमिनार आयोजित किया। जिसमे देश भर से आए उलेमा शामिल हुए।

इस मौके पर दरगाह खादिम सैयद वाहिद मियां चिश्ती अंगारा शाह ने कहा कि रजा एकेडमी के संस्थापक अल्हाज  मुहम्मद सईद नूरी साहिब इस सम्मेलन की आत्मा हैं। हमें पूर्ण समर्थन से उम्मीद है कि सईद नूरी के नेतृत्व में देश का हर मुसलमान न केवल इस विधेयक का समर्थन करेगा बल्कि इस विधेयक को पारित करने को अपना मिशन भी बनाएगा।

वहीं सईद नूरी ने कहा कि आज पूरी दुनिया में और विशेष रूप से हमारे देश में कुछ लोग भाईचारे का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। मुसलमानों को अपने व्यावहारिक जीवन में ख्वाजा गरीब नवाज की शिक्षाओं को अपनाना चाहिए। उन्होने कहा, मुसलमानों को इस्लाम को अपने व्यावहारिक जीवन में लाने, इबादत करने, गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने और अपने अच्छे कामों के माध्यम से धर्म का प्रसार करने के लिए कहा गया।
वहीं क़ाज़ी ए राजस्थान फ़ज़ल हक कोतवी ने अपने भाषण में कहा कि ग़रीब नवाज़ का मिशन इस्लाम धर्म का प्रचार करना और तहफ्फुज ए नामुस ए रिसालत करना था। जिससे आज सईद नूरी ने फिर से जिंदा किया। इसके अलावा सज्जादा नशीन शाह मखदूम जामी, मौलाना सैयद मसरूर रज़ी शाहबाज़ी, सज्जादा नशीन मौलाना गुलज़ारुद्दीन चिश्ती, मुफ़्ती मंज़र हसन ऐश रफी, मौलाना फरहान अशरफी, खलीफा शेख-उल-इस्लाम सूफीइस्माइल हसन चिश्ती, मालदा बंगाल के मुफ्ती अब्दुल अजीज और अन्य ने भी सम्मेलन हॉल में ख्वाजा साहब की शिक्षाओं के बारे में बताया।

Thursday, February 3, 2022

दरगाह ख्वाजा साहिब में हाजिरी की समय सीमा नहीं हटाई तो रजा एकेडमी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी


*अजमेर:* भारत के प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती हसन संजरी (रह) का 810वां उर्स मुबारक शुरू हो गया है। लेकिन रात 8 बजे से दरगाह परिसर को खाली कराने और रात में उर्स की रस्म पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का आदेश ददूर-दूर से आने वाले जायरीन के लिए एक बड़ा झटका लगता है। इस संबंध में रजा एकेडमी के संस्थापक अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय व राज्य मंत्रियों को पत्र भेजकर जायरीनों की सुविधा के लिए 8 बजे से दरगाह परिसर में उर्स आयोजित करने की मांग की है। अपने पत्र में उन्होने लिखा कि शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक दरगाह ख्वाजा ग़रीब नवाज़ अजमेर शरीफ़ में शामिल होने आने वाले जायरीन के लिए हाज़िरी पर लगी रोक हटाई जानी चाहिए।

इस मौके पर अल्हाज मोहम्मद सईद नूरी ने कहा कि जब से उर्स-ए-ग़रीब नवाज़ का जश्न शुरू हुआ है, सरकार को हमारी मांगें तुरंत माननी चाहिए। सईद नूरी ने आगे कहा कि एसोसिएशन के सचिव सैयद वाहिद हुसैन ने हमे बताया कि हमने इस सबंध में स्थानीय सरकारी अधिकारियों से भी खुद संपर्क किया है लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इस संबंध में कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि, हम जिला कलेक्टर और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और सीएमओ के वरिष्ठ अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं। इस पर सईद नूरी ने कहा कि अगर मांगें तुरंत नहीं मानी गई हैं तो रजा एकेडमी जयपुर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी ताकि गरीबों को सभी सुविधाएं मिल सकें।

वहीं तहरीक-ए-दुरूद-ओ-सलाम के उपदेशक मौलाना अब्बास रिजवी ने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से इस तरह के प्रतिबंध केवल दरगाह ग़रीब नवाज़ के परिसर में ही लगाए जाते हैं जबकि यहां हर तरह का व्यवसाय और अन्य गतिविधियां चल रही हैं। साथ ही उन्होने ये भी बताया कि अजमेर में ही "तहफ्फुज ए नामूस ए रिसालत बोर्ड" का स्थापना दिवस मनाया जाएगा।  इस दौरान उर्स में भाग लेने के लिए जायरीनो को विधेयक से जुड़ी जानकारी दी जाएगी।

Wednesday, February 2, 2022

लखनऊ में फिल्माई गई है एपेक्स प्राइम ओटीटी की जबरदस्त ओरिजिनल थ्रिलर वेब सीरीज "साइबर सिंघम"


यूपी पुलिस के साइबर क्राइम विभाग में तैनात आईपीएस अधिकारी प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह की वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है यह सीरीज 


आजकल उत्तरप्रदेश में फिल्मों, वेब सीरीज की काफी शूटिंग हो रही है और इस तरह यूपी के लोकल कलाकारों को भी अभिनय का मौका मिल जाता है। इन दिनों सीरीज की कहानियाँ भी उत्तर प्रदेश से जुड़ी होती है। इसका ताजा उदाहरण है एपेक्स प्राइम ओटीटी की ओरिजिनल वेब सीरीज 'साइबर सिंघम'। जिसका ट्रेलर हाल ही में लॉन्च किया गया है, जिसे दर्शकों का बेहतरीन रेस्पॉन्स मिल रहा है। ट्रेलर देखकर दर्शकों की उत्सुकता बढ़ गई है और वे पूरी सीरीज के रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं। इस वेब सीरीज की पूरी शूटिंग लखनऊ और उत्तर प्रदेश की कई जगहों पे की गई है साथ ही यूपी के बहुत सारे आर्टिट्स को इसमे काम करने का मौका दिया गया है।

खास बात यह है कि यह सीरीज जिस आईपीएस अधिकारी प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह की वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है, वह भी वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में एसपी के रूप में तैनात है। प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह को भारत के राष्ट्रपति द्वारा वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया गया है। साइबर अपराध जांच में उनकी विशेषता और वित्तीय और बैंकिंग धोखाधड़ी के बारे में जबरदस्त ज्ञान होने के कारण उन्हें साइबर कॉप के रूप में जाना जाता है। वह कई सरकारी विभागों और न्यायिक अधिकारियों के लिए एक रिसोर्स के रूप में भी कार्य करते हैं। यह सीरीज उनकी लाइफ, उनके कारनामों और उनके द्वारा साइबर मामलों को हल करने के ऊपर बेस्ड है जो बडी रोमांचक थ्रिलर है।

ओटीटी एपेक्स प्राइम की हेड सौमिता दास ने बताया कि "हम 9 फरवरी 2022 को अपनी पहली वेब सीरीज साइबर सिंघम को रिलीज करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस शानदार सीरीज में मयूर मेहता ने त्रिवेणी सिंह और पारस मदान ने अखिल कुमार की भूमिका निभाई है। मुस्कान खान, युक्ति सिंह, विक्रांत दुबे, महेश चंद्र देवा, ज्योति सिंह राठौड़ ने भी इसमे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 
गौरतलब है कि साइबर सिंघम, सच्ची साइबर अपराध की घटनाओं पर आधारित सीरीज है जो अविनाश गर्ग द्वारा निर्देशित है और इसके डीओपी अजय घगड़े है, वर्चस्व मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा यह सीरीज निर्मित है। रियल लाइफ स्टोरीज को रूट 64 इंफोसेक रिसर्च फाउंडेशन की मदद से एक वेब सीरीज के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
 
आनंद शर्मा इस ओटीटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हैं जबकि सौमिता दास ओटीटी प्रमुख हैं और उनके पति पारस मदान बिजनेस ऑपरेटिंग ऑफिसर हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने घोषणा की कि एपेक्स प्राइम वास्तव में एक अलग प्रकार का कंटेंट प्लेटफॉर्म है जहां रियलिटी शो के अलावा विभिन्न प्रकार की वेब सीरीज और शॉर्ट फिल्में दिखाई जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस ओटीटी को एक अलग सोच के साथ लाए हैं। "ओटीटी की यूएसपी यह है कि इसके किसी भी कंटेंट में कोई बोल्ड सीन नहीं होगा, और न ही ऐसा कोई सीन होगा जिसे परिवार के साथ देखने में परेशानी हो। एपेक्स प्राइम न केवल फिल्मों, वेब सीरीज, शार्ट फिल्मों पर ध्यान केंद्रित करता है बल्कि दुनिया भर के लोगों की प्रतिभा पर भी नजर रखता है और यह नई प्रतिभाओं को विभिन्न ऐप आधारित प्रतियोगिता में शामिल करके दुनिया के साथ अपना टैलेंट और अपना हुनर साझा करने का अवसर देता है जिसमें अभिनय, कहानी सुनाना, गायन, रियलिटी शो, म्यूज़िक वीडियो इत्यादि शामिल हैं। एपेक्स प्राइम ओटीटी को गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। आनंद शर्मा बताते हैं, "इसे सभी प्रकार के दर्शकों के लिए व्यापक रूप से आसान बनाने के लिए, शुरुआत में एपेक्स प्राइम का सब्सक्रिप्शन बिल्कुल मुफ्त है।"

Tuesday, February 1, 2022

हिजाब बन्धन नहीं, सुरक्षा का देता है अहसासवर्ल्ड हिजाब डे पर विभिन्न प्रकार के हिजाब पहनकर दिया सामाजिक संदेश


      जोधपुर 01 फरवरी। सम्पूर्ण विश्व में हर साल 1 फरवरी को विश्व हिजाब दिवस मनाया जाता है। इसी कड़ी में कमला नेहरू नगर स्थित मौलाना आज़ाद मुस्लिम महिला टीचर्स ट्रेनिंग काॅलेज में भी मंगलवार को वर्ल्ड हिजाब डे का आयोजन किया गया।
      काॅलेज प्राचार्या डाॅ सपना सिंह राठौड ने बताया कि इस अवसर पर छात्राओं ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि दुनिया में कुछ लोग हिजाब को एक बंदिश अथवा बन्धन के तौर पर देखते हैं जबकि हिजाब बालिकाओं में बन्धन नहीं बल्कि सुरक्षा, स्वतंत्रता व अपनेपन का अहसास कराता है।
      लेडिज टेलरींग प्रभारी मदीना बानो ने कहा कि कई छात्राओं ने हिजाब को निर्मल अहसास, दीनदारी, गहना, मन का साथ, आत्मबल, खुद का महत्व, खुशी, खुद की अलग पहचान, खुबसूरती, शर्म का पर्दा, नेक परवरिश, शान, समय की बचत, लक्ष्य प्राप्ति, बाधाओं को दूर करता, कामयाबी की मंजिल पहुंचाता, दूसरे के महत्व को स्वीकारता, जिन्दगी पर विश्वास आदि उपमाओं के संदेश के तौर पर पेश किया।
      हिजाब का शाब्दिक अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि हस कर जिन्दगी को बाअदब (संस्कारी) बनाता है हिजाब। इस मौके पर एक औरत के स्वरूप व उसकी सोच के कई सामाजिक संदेश पेश किये गये।
      कार्यक्रम में बीएड प्रभारी डाॅ सलीम अहमद, अर्शी, तमन्ना, जेबा, अजरा, सायका, तय्यबा, अजरी, जेबा, साहिस्ता, रूखसाना, इकरा, रिजवाना, सबीना, रेहाना सहित कई छात्राओं का विशेष सहयोग रहा।