Sunday, August 16, 2020

01 सितंबर को कोविड-19 के नियमों के साथ खुलेगी दरगाह शरीफ*

 *01 सितंबर को कोविड-19 के नियमों के साथ खुलेगी दरगाह शरीफ*

*चिल्ला ख्वाजा साहब और चिल्ला कुतुब साहब का विकास।*
अजमेर 08-09 अगस्त। महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रह. की प्रबन्ध कमेटी, दरगाह कमेटी, दरगाह ख्वाजा साहब की दो दिवसीय बैठक रविवार को सम्पन्न हुआ। बैठक का पहला चरण दरगाह कमेटी सदर अमीन पठान की अध्यक्षता में शाम 5 बजे गरीब नवाज अतिथि गृह में आयोजित हुआ। बैठक में 01 सितंबर से दरगाह शरीफ को आम जायरीन के लिए खोले जाने और 20 अगस्त से प्रारंभ होने वाले माहे मोर्हरम पर आयोजित होने वाले मिनी उर्स को लेकर चर्चा हुई। बैठक में नायब सदर सैयद बाबर अशरफ, सदस्य सैयद शाहिद हुसैन रिज्वी, कासिम मलिक, सपात खान, मुनव्वर खान और वसीम राहत अली और नाजिम शकील अहमद बतौर सचिव शामिल रहे। 

*देर शाम दोनों अंजुमनों के साथ आयोजित हुई समन्वय बैठक।*
दरगाह शरीफ के विकास कार्यो और आगामी दिवसों में मोर्हरम व दरगाह शरीफ को खोले जाने को लेकर देर शाम दरगाह शरीफ से जुड़ी दोनों अंजुमनों सैयदजादगान और शेखजादगान के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के साथ चर्चा की गई। चर्चा में तय पाया कि इस सम्बन्ध में शीध्र ही एक प्रारूप बना कर जिला प्रशासन से चर्चा की जाएगी, प्रारूप में कोविड -19 के नियमों की पालना की जाएगी। बैठक के समापन पर अंजुमन सैयदजादगान के सदर सैयद मोईन हुसैन सरकार ने मुल्क में अमन-चैन, खुशहाली और साथ ही कोरोना महामारी से पूरी दुनिया को निजाद दिलाने की दुआ की।

*चिल्ला ख्वाजा साहब और चिल्ला कुतुब साहब का किया मुआएना।*
बैठक के दूसरे दिन दिन रविवार को दरगाह शरीफ की सम्पत्ति चिल्ला ख्वाजा साहब और चिल्ला कुतुब साहब का मुआएना किया। दरगाह कमेटी अध्यक्ष अमीन पठान ने बताया कि इन दोनों ही सम्पत्तियों का प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार और राजस्थान सरकार से विकास योजनाओं में शामिल करने के लिए कहा जाएगा। प्रस्ताव में अजमेर आने वाले जायरीन को मिलने वाली सुविधाऐं प्राथमिकता पर रहेगी और साथ ही इन स्थानों के ऐतेहासिक और पारम्परिक महत्ता को फिर से नए स्वरूप में लाया जाएगा।

*दरगाह कमेटी ने दी हाज़रीः*
इस दौरान दरगाह कमेटी ने अदबो एहतराम के साथ चिल्ला ख्वाजा साहब पर हाज़री दी, नायब सदर सैयद बाबर अशरफ ने मुल्क में अमन चैन और खुशहाली के साथ कोविड-19 के हर इंसान की हिफाज़त की दुआ की। चिल्ला कुतुब साहब पर भी दरगाह कमेटी ने जियारत की। चिल्ला ख्वाजा साहब की मस्जिद में दो रकात नमाज़ शुक्राना भी अदा की।

*चिल्ला ख्वाजा साहब एवं चिल्ला कुतुब साहब*
गौरतलब है कि अनासागर के किनारे स्थित चिल्ला ख्वाजा साहब और चिल्ला कुतुब साहब दरगाह ख्वाजा साहब एण्डोमेंट का एक हिस्सा है। दोनों ही स्थानों पर नाज़िम कार्यालय की डेस्क स्थापित है। आम दिनों में बड़ी संख्या में जायरीन यहां पर जियारत के लिए आते हैं। दोनों ही चिल्लों पर स्थित मस्जिदों में पांचों वक्त की नमाज़ होती है। बताया जाता है कि जब ख्वाजा साहब सबसे पहले अजमेर आए थे तब चिल्ला ख्वाजा साहब वाले स्थान पर रूके थे और उनके साथ आए ख्वाजा कुतुब साहब और साथी चिल्ला कुतुब साहब वाले स्थान पर रूके थे। इस नज़रिये से दोनों ही स्थान अपनी ऐतेहासिक और पारम्परिक महत्ता रखते है। 

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