Thursday, January 26, 2023

हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के साथ एक थाली मेंखाने का संदेश देता है इस्लाम - शाही इमाम पंजाबलुधियाना पंजाब के शाही इमाम मौलाना उस्मान रहमानी नेजोधपुर दौरे के दौरान किये प्रोग्राम मेंकुरान की बातों को जीवन में उतारने और नबी के नक्शे कदम पर चलने का दिया पैग़ाम


      जोधपुर 25 जनवरी। इस्लाम हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के साथ एक थाली में साथ खाना-खाने का संदेश देता है इस्लाम में भेदभाव नहीं है और मुसलमान वो है जो सभी धर्मो की इज़्ज़त करे और दूसरे धर्म वाले जिसकी ईमानदारी की क़सम खायें वो सही अर्थो में मुसलमान है।
      ये कहना है लुधियाना पंजाब के शाही इमाम मौलाना उस्मान रहमानी लुधियानवी का। वे अपने जोधपुर के निजी दौरे पर मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के कमला नेहरू नगर स्थित मौलाना आज़ाद कैम्पस में ‘प्रेयर के वक्त का ज़बानी निसाब‘ एबीसी शीर्षक की किताब व इसके ओडियो सिस्टम के विमोचन समारोह में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
      उन्होंने बताया कि हमें सिर्फ दो काम करने हैं एक कुरान को उसके अर्थो के साथ पढ़ना है कि इसमें क्या संदेश दिया गया उसे अपनाना है और दूसरा हमारे आख़री नबी मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहेवसल्लम ने कैसे ज़िन्दगी गुज़ारी, उसी तरह हमें भी अपना जीवन गुज़ारना है।
      उन्होंने कहा कि हम कोशिश करें कि बुरा काम करें ही नहीं बल्कि बुरा सोचें भी नहीं। हमेशा अच्छा ख़्याल और सकारात्मक सोच रखे। बहन, बेटी, बीवी के अधिकारों की रक्षा करें उन्हें पूरी इज़्ज़त और मान-सम्मान दें। हमेशा बिना किसी स्वार्थ के दूसरों के काम आयें। मुहब्बत और इंसानियत का पैगाम द़े।  
      उन्होंने इस्लामिक इतिहास के कई उदाहरण देते हुए कहा कि हमें अपने बच्चों को आधारभुत शिक्षा के साथ-साथ मज़हबी तालीम भी देनी होगी ताकि इस्लाम के बुनियादी पैग़ाम को हमारी आने वाली पीढियां जान सकें।
      सोसायटी के सीईओ व मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के चैयरपर्सन मोहम्मद अतीक ने सोसायटी एवं यूनिवर्सिटी का परिचय देते हुए कहा कि यहां के 32 शैक्षिक व कल्याणकारी संस्थाओं में 800 से अधिक सभी समुदायों के लोग काम करते हैं तथा नर्सरी से पीएचडी तक के विभिन्न पाठ्यक्रमों में 14 हज़ार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
      सोसायटी के दीनयात प्रभारी मौलाना शाहिद हुसैन नदवी ने सोसायटी के अधीन संचालित विभिन्न स्कूलों, जिले व राज्य की कई अन्य स्कूलों में चल रहे ज़बानी निसाब व इसके ओडियो सिस्टम के समबन्ध में जानकारी दी।
      विशेष तौर पर शहर क़ाज़ी वाहिद अली, दारूल उलूम अहले हदीस के मौलाना अबुल कलाम फैज़ी व दारूल उलूम अरबिया इस्लामिया के मुफ्ती अब्दुस्समद अतहर कासमी ने प्रेयर के वक्त के ज़बानी निसाब की सराहना करते हुए कहा कि स्कूली बच्चों के लिए ये एक सराहनीय कदम है।
      इस मौके पर काशिफुल उलूम छटमलपुर यूपी के मैनेजिंग डायरेक्टर मौलाना आसिफ कासमी नदवी ने दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम हासिल करने पर ज़ोर दिया।
      इससे पूर्व मेड़ती गेट स्थित जामिया आईशा सिद्दीका लिल बनात मदरसे में भी लुधियाना पंजाब के शाही इमाम मौलाना उस्मान रहमानी ने ‘बच्चियों व औरतों की तालीम (शिक्षा) के साथ उनकी तरबियत (संस्कार) विषय पर तकरीर की तथा इसके बाद दारूल उलूम अरबिया इस्लामिया चैखा में ‘खत्मे बुख़ारी शरीफ‘ के प्रोग्राम और ‘मुबल्लिग़े राजस्थान‘ किताब के विमोचन में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।   मुबल्लिगे राजस्थान शीर्षक की ये किताब हाजी अब्दुल गफूर, इनके बेटे हकीम मोहम्मद अली व पौते हाजी हसन गौरी की जिन्दगी पर आधारित है।
      इन कार्यक्रमों में दारूल उलूम पोकरण के प्रिन्सीपल कारी मोहम्मद अमीन, मदरसा खलिलिया माही गुजरात के कारी मोहम्मद अबरार जोनपुरी, केसरपुर गुजरात के मौलाना हिफ्जुर्रहमान, जमीअत उलेमा लुधियाना पंजाब के अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद आरिफ, लक्खनवाला अहमदाबाद के शकील भाई, अहमदाबाद गुजरात के सईद भाई पठान, खलील भाई, प्रोफेसर अब्दुल हई, जमाते इस्लामी जोधपुर के नाजिम अब्दुल नासिर गौरी, सिंधी नगर के कारी बशीर, जामिया आयशा के प्रभारी मौलाना हिदायतुल्लाह मज़ाहिरी सहित देश भर से आये कई इस्लामी शिक्षाविद्, प्रबुद्धजन, समाजसेवी, गणमान्य लोग एवं मौलाना अबुल कलाम आज़ाद मुस्लिम सी. सै. स्कूल, फिरोज खान गल्र्स मेमोरियल सी.सै. स्कल, मौलाना आज़ाद अपर प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थिगण व आमजन मौजूद रहे।
      संचालन मौलाना शाहिद हुसैन ने किया। दुआ पोकरण के कारी मोहम्मद अमीन ने कराई। 

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