Friday, January 15, 2021

डीआईजी फिरोज़ ख़ान की तरह हम भी बनें समाजसुधारक - डाॅ शबनम स्वर्गीय डीआई फिरोज खान का 85वां यौमे पैदाइश (जयंति) समारोह सम्पन्न सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हुआ आयोजन

जोधपुर 13 जनवरी। वर्ष 1959 में आरपीएसएसी परीक्षा में सलेक्ट हुए मात्र 8 लोगों में एक फिरोज़ ख़ान थे। वे राजस्थान के पहले अल्पसंख्यक आरपीएस बने। इंसानियत का जज़्बा उनमें कूट-कूट कर भरा था। उनमें सम्पूर्ण मारवाड़ बसता था। ये कहना है जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के पूर्व प्रोफेसर एवं मशहूर इतिहासकार ज़हूर खां मेहर का। वे कमला नेहरू नगर स्थित मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के अधीन संचालित फिरोज खान मेमोरियल गल्र्स सीनियर सैकेण्डरी स्कूल परिसर में आयोजित स्वर्गीय डीआई फिरोज़ ख़ान के 85वें यौमे पैदाइश (जयंति) समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मरहूम फिरोज़ ने न सिर्फ पुलिस महकमे में सराहनीय कार्य किये अपितु उन्होंने विशेषकर सिंधी समाज में अशिक्षा के चलते सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन व बालिका शिक्षा में भी बड़ा योगदान किया। उनके जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को याद करते हुए उनकी नरम दिली, कर्तव्यनिष्ठता, भाईचारा व देशभक्ति के कई मिसालें बताई। सोषल डिस्टेंसिंग के साथ सादगी से मनाये गये समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जयपुर से पधारी शिक्षाविद्, दूरदर्शन एंकर एवं सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ ज़ाहिदा शबनम ने कहा कि फिरोज़ ख़ान साहब की मृत्यु के 27 साल बाद भी हम उनको याद कर रहे है क्योंकि वे एक प्रसिद्ध और बेमिसाल समाजसुधारक शख्सियत थे। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि हमें इनकी ज़िन्दगी से प्रेरणा लेकर, पूरे जोश के साथ इनकी तरह ही विभिन्न क्षेत्रों में कुछ बनने का लक्ष्य रखना होगा। सोसायटी के सीईओ मोहम्मद अतीक ने संस्थान की स्थापना से वर्तमान स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि फिरोज़ साहब हमारे मार्गदर्शक थे। उनकी दुआओं से ही संस्थान में नर्सरी से पीएचडी तक की विभिन्न शैक्षिक एवं कल्याणकारी संस्थाओं में बहुत ही कम फीस पर सभी समुदायों के 13 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे है तथा 800 से अधिक लोग कार्य कर रहे हैं। सेवानिवृत आरएएस अधिकारी एवं स्वर्गीय डीआईजी फिरोज़ ख़ान के पुत्र असलम खान मेहर ने उनका सम्पूर्ण जीवन परिचय विस्तार से देते हुए कहा कि फिरोज साहब की सर्विस के दौरान तो कई उपलब्धियां रही हैं। ख़ासकर मकराना साम्प्रदायिक हिंसा, आदिवासी मामला आदि कुछ ऐसे यादगार घटनाएं रही जो उनके नेतृत्व में शांतिपूर्ण तरीके से हल की गई। अतिथियों का विद्यालय की गाइड व एनसीसी छात्राओं ने सलामी से स्वागत किया। साफा व शाॅल से उनका सम्मान भी किया गया। पूर्व में तिलावत कुरान छात्रा सना व स्वर्गीय फिरोज खान साहब के जीवन पर भाषण छात्रा कहकशां ने पेश किया। समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर जयपुर से पधारे शिक्षाविद् एवं सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ राहत खान, इग्नू जोधपुर के रिजनल डायरेक्टर अजयवर्धन आचार्य, समाजसेवी सीताराम लालस, मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के रजिस्टार अनवर अली खान, सोसायटी सदस्य अब्दुल्लाह ख़ालिद क़ुरैषी, फ़िरोज अहमद काजी, शिक्षाविद् मोहम्मद अतीक़ सिद्दीकी, फिरोज खान गल्र्स स्कूल प्रिन्सीपल शमीम शेख, क्रिसेन्ट स्कूल प्रिन्सीपल अजीमुश्शान, शिक्षकगण, समाजसेवी सलीम मेहर, शिक्षिका फरहा मेहर, डाॅ रेहाना बेगम सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। सोसायटी के महासचिव निसार अहमद खिलजी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अमीन ने किया।

No comments:

Post a Comment