Wednesday, January 20, 2021

वैक्सीनेशन के दूसरे फेज में PM, CM और सांसदों को लगेगा टीका, जानें डिटेल

देश में वैक्सीन प्रोग्राम शुरू होने से पहले ही की लोगों ने इसकी सत्यता पर सवाल उठाए थे. ऐसे में वैक्सीन को लेकर तैयार हुई नेशनल टास्क फोर्स ने भी इस बात को माना था कि 27 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए नेताओं का सहयोग जरूरी है.

देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ वैक्सीन प्रोग्राम शुरू हो चुका है. सरकार ने पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों (Health Workers) को शामिल किया है. सूत्रों का कहना है कि वैक्सीन कार्यक्रम के दूसरे चरण में राजनेताओं को वैक्सीन दी जा सकती है. इस दौरान उन सांसद, विधायकों को वैक्सीन दी जा सकती है, जो ज्यादा उम्र के हैं और बीमारियों से जूझ रहे हैं. खास बात है कि देश में कई बड़े नेताओं की उम्र 80 साल से अधिक है, जिन्हें वैक्सीन के मामले में तरजीह मिल सकती है. ऐसे नेताओं में दो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) और एचडी देवगौड़ा भी शामिल हैं.

सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि वैक्सीन प्रोग्राम अलग-अलग चरणों में पूरा किया जाएगा. अनुमान है कि इस ड्राइव का दूसरा चरण अप्रैल से शुरू हो सकता है. जिसमें देश के 50 साल से ज्यादा उम्र वाले मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को वैक्सीन दी जाएगी. इस चरण में प्रधानमंत्री और कई मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे. आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा में तीन सौ से ज्यादा और राज्यसभा में तकरीबन तकरीबन 200 सांसद 50 की उम्र पार कर चुके हैं.अब तक 7.86 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स को लगा टीका
देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हुए पांच दिन हो चुके हैं. अब तक 7.86 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स को टीका लगाया जा चुका है. वैक्सीनेशन के शुरुआती हफ्ते की बात की जाए तो भारत इस मामले में अमेरिका से काफी आगे है. अमेरिका में पहले हफ्ते में 5,56,208 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी. यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया कि बुधवार को शाम छह बजे तक 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1,12,007 लोगों को टीका लगाया गया. आखिरी रिपोर्ट मिलने के बाद यह डेटा अपडेट किया जाएगा.

अब तक 10 लोगों में दिखा साइड इफेक्ट
हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक अब तक साइड इफेक्ट (AEFI) के 10 मामले सामने आए हैं। इनमें दिल्ली में चार, कर्नाटक में दो, और उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक-एक शख्स को अस्पताल में भर्ती किया गया. अब तक देश में इसका एक भी गंभीर मामला नहीं है.

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