Friday, November 12, 2021

सारे जहां से अच्छा...‘ गीत के रचियता डाॅ मुहम्मद इक़बाल की144वीं जयन्ति पर विश्व उर्दू दिवस का हुआ आयोजन


     जोधपुर 09 नवम्बर। सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा, गीत के रचियता और उर्दू शायरी में ज़िन्दगी की मूलभूत व संघर्षशील बातों को प्रेरणा के रूप में पेश करने वाले डाॅ मुहम्मद इकबाल की 144वीं जयन्ति के मौके पर बुझावड़ स्थित मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के उर्दू डिर्पाटमेन्ट की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
      प्रोग्राम काॅर्डिनेटर व उर्दू विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अज़ीज़ुलहसन ने जानकारी दी कि अल्लामा इक़बाल के नाम से प्रसिद्ध डाॅ मुहम्मद इकबाल के जन्म दिवस को पूरी दुनिया में उर्दू दिवस के तौर पर मनाया जाता हैै। उन्होंने आज़ादी से पूर्व इस मशहूर शायर के जीवन, शिक्षा, उर्दू शायरी, विदेश में शिक्षा व जीवन संघर्ष को बताते हुए युवाओं के सन्दर्भ में अल्लामा इकबाल की कुछ मशहूर पंक्तियां पढी।
बीए थर्ड ईयर के छात्र सिजायद खान ने डाॅ इक़बाल की खास शायरी नज़्म (गीत) के रूप में पेश की।
बीए व बीए बीएड की छात्रा आयशा, जन्नत, जोया, हिमांशी, आयशा, इकरा फातमा के समूह ने डाॅ मुहम्मद इकबाल द्वार लिखित ‘लब पे आती है दुआ‘ व ‘सारे जहां से अच्छा‘ गीत को सामूहिक रूप में पेश किया।
       मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के दीनयात शिक्षा प्रभारी शाहीद हुसैन नदवी ने कहा कि हमारा प्यारा वतन हिन्दुस्तान एक बाग़ की तरह है जिसमें उर्दू की शक्ल में अलग-अलग जबानों (भाषाओं) का गुलदस्ता पाया जाता है। इस उर्दू शायरी ने हमारे इन विभिन्न प्रकार के फूलों से सजी फुलवारी रूपी देश को और खुबसूरत बना दिया है।
       डाॅ अल्लामा इकबाल ने अपनी शायरी के जरिये अनेकता में एकता के इसी मिशन को आगे बढाया है। उन्होंने एक शेर सुनाते हुए कहा कि ‘उर्दू किसी फिरके की, न खि़त्ते की जबां है हर कौम की तहज़ीब की यह रूहे रवां है‘
समारोह की अध्यक्षता करते हुए यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डाॅ जमील काजमी ने छात्र-छात्राओं को अल्लामा इकबाल की जीवन उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि उर्दू एक भाषा नहीं बल्कि ये हमारी संस्कृति है इसे अपने करियर के रूप में अपनायें, खूब पढ़ें और शोध क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर, देश का नाम रोशन करें।
      तिलावते कुरान असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ अब्दुल्लाह खालिद ने किया। धन्यवाद असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ मरजीना ने ज्ञापित किया।

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